हम मस्त हवा के झोंके हैं,
खुशबू बन कर छा जाते हैं।
जब-जब जिन राहों से गुजरे,
उन राहों को महकाते हैं।
जब कोई दुखी हो रोता हो,
आँसू उसके पी जाते हैं।
दुःख की अग्नि में ठंडक से
हम उसका दिल बहलाते हैं ।
जब नींद उड़ी हो आँखों से,
थपकी दे, हम ही सुलाते हैं।
और हर झपकी में कई-कई
मीठे से ख्वाब दिखाते हैं।
नफरत में जलते लोगों को,
हम प्रेम का पाठ पढ़ाते हैं।
कोई हमसे प्यार करे ना करे,
हम प्यार सभी पे लुटाते हैं।
योगेश मित्तल
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