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तेरे आँसू - मेरे आँसू, तेरा दुख - दुख मेरा है! |
तेरे आँसू - मेरे आँसू,
तेरा दुख - दुख मेरा है!
तू जब सोये, मेरी रात है,
जागे - तब ही सवेरा है!
तेरे बिना, हर सावन सूखा,
हर बरखा में - आग भरी!
दिन में भी हर पल तड़पा,
रातों को भी - आह भरी!
कभी तेरी आँखों में झाँकू,
बैठ सामने - दिल चाहे!
कभी लगा लूँ - मैं सीने से,
फैला कर - अपनी बाहें!
मगर समस्या - बड़ी घनी,
मैं पूरब और तू पश्चिम है!
मैं सूरज की तरह जलता,
तू बारिश की रिमझिम है!
- योगेश मित्तल
© योगेश मित्तल
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