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वो जो ज़िन्दा हैं जमीं पर
तेरा नाम ले रहे हैं!
ठंडी हवा का तुझसे ही
वो काम ले रहे हैं!
हर साँस तुझसे ही है,
धड़कन तुझ ही से धड़के!
होती तेरी ही चिन्ता,
जब बायीं आँख फड़के!
मुहब्बत है तुझसे ज़िन्दा,
हर प्रेम साँस लेता!
बच्चा हो या हो बूढ़ा
तेरी ही आस लेता!
कभी माँ में तू है दिखती,
कभी बहन में थिरकती!
कभी बनती जीवनसाथी,
बेटी - सी भी फुदकती!
बीमार की तू सिस्टर,
नवजात की तू टीचर!
तुझसे ही सृष्टि चलती
मीडिया के चलते फीचर!
वाणी में तेरी अमृत,
अमृत का तू कलश है!
तुझसे ही इस जगत का
हर पल मधुर सरस है!
नारी महान है तू
हर घर की जान है तू!
संसार की खुशी का
घर का अभिमान है तू!
तुझको नमन करे ना,
वो जीव है निकम्मा!
चरणों में तेरे मस्तक
रखूँ मैं दादी अम्माँ!
- योगेश मित्तल
© योगेश मित्तल
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