नेहरू जी का एक था नारा,
आराम है हराम!
असल में वो भी करते थे,
चौबीस घण्टों काम!
जय जवान- जय किसान की,
भरी शास्त्री जी ने हुंकार!
असली गाँधीवादी वही थे,
सादा जीवन - उच्च विचार!
इन्दिरा जी कहती थीं हमेशा,
काम ज्यादा - बातें कम!
अपने खून का कतरा-कतरा,
बहा देश के लिये, तोड़ा दम!
और योगेश मित्तल का नारा,
बिना बात मुस्काना सीखो!
जीवन के तनावों को त्यागो,
हरदम हँसना - गाना सीखो!
योगेश मित्तल
बहुत अच्छी कविता, बहुत अच्छा जीवन-दर्शन।
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